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Fir Aaungi Raja Tere Pas - फिर आऊँगी राजा तेरे पास

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फिर आऊँगी राजा तेरे पास ! प्रेषक : संदीप कुमार एक बार मैं अपने चाचाजी के यहाँ गाँव गया। दोपहर में मैं घर पहुँचा तो सब खेत पर गए हुए थे। मेरे चाचा की लड़की पूनम वो बारहवीं में पढ़ रही थी, अकेली जामुन के पेड़ पर झूला झूल रही थी। वो बोली- आओ, झूलोगे क्या मेरे साथ? हमने एक तख्ता लगा लिया झूले में और दोनों एक दूसरे की टांगों में टांगें डाल कर झूलने लगे। जब झूला ऊपर नीचे जाये तो दबाव के वजह से मेरे पैर उसकी चूत पर दबाव बनाते और उसके पैर मेरे लण्ड पर। मेरा लण्ड खड़ा हो गया और वो जानबूझ कर मेरे लण्ड पर अपने पैर का दबाव बनाती। मैंने लुंगी पहनी हुई थी उसने सलवार पहनी हुई थी। मेरा लण्ड खड़ा होकर लुंगी से बाहर अन्डरवीयर में उठा सा दिखने लगा। मैंने अपने पैर का अंगूठा उसकी चूत पर दबा दिया तो वो हंसने लगी। मैंने सोचा- जानम तैयार है। मुझे महसूस हुआ कि उसकी सलवार गीली हो गई थी। मैंने कहा- पूनम एक तरफ ही से झूलते हैं ! Sexy Dhoban Aur Uska Beta तो वो मेरे टांगों के ऊपर बैठ गई। मेरा खड़ा लण्ड अब उसकी गाण्ड से टकरा रहा था। उसके बाल मेरे मुँह पर उड़ रहे थ। वो बार बार मेरे लण्ड पर अपने आपको आगे पीछे करती मा

Pyari Bhabhi Meenu-मेरी प्यारी मीनू भाभी

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हेल्लो दोस्तो... मेरा नाम रंजन है, मैं दिल्ली से हूँ, एक प्राइवेट कंपनी में जॉब करता हूँ। मैं यहाँ अपने चचरे भाई के साथ कालकाजी में रहता हूँ। दोस्तो, मैं यहाँ कोई   उत्तेजक कहानी   या मनगढ़ंत कहानी नहीं लिख रहा हूँ। जो यकीन नहीं करना चाहे तो मुझे उससे कोई परेशानी नहीं। मेरे भैया का नाम नीलेश है, भाभी का नाम मीनू है। हम तीनों यहाँ इकट्ठे बड़े आराम से रहते हैं। कालकाजी में हमने एक बड़ा तीन बेड रूम वाला फ्लैट ले रखा है। भैया का मार्केटिंग का जॉब था और उनका अक्सर बाहर आना-जाना लगा रहता था। बात पिछले दिसम्बर की है, भैया कोलकाता गए थे। मैं और भाभी अकेले घर में थे। अब दिल्ली की ठंड के बारे में क्या बताऊँ। मैं घर पर ही टीवी देख रहा था। सुबह से भाभी की आवाज़ नहीं आ रही थी। तो मैं उनके बेडरूम में गया, देखा तो भाभी को बहुत तेज़ बुखार थी। मैं उन्हें हॉस्पिटल लेकर गया और दवाई लाया। शाम तक भाभी का बुखार उतर गया था। रात को खाना खाने के बाद मैं भाभी के पास रुका और बोला- रात को फिर तबीयत खराब हो सकती है, आप बेड पर सो जाओ, मैं यहाँ सोफे पर लेटा हूँ। ज़रूरत पड़े तो आवाज़ लगाना। भाभी ने हाँ कगा और सोने गई

Suhagrat Ka Asli Maza-सुहागरात का असली मजा

सुहागरात का असली मजा-2 प्रेषक : राज कौशिक तभी भाई आ गये और बोले- क्या बात चल रही है भाभी-देवर में? मैं बोला- तुम्हारे बारे में ही चल रही है। "क्या?" भाभी बता रही थी कि आपने रात इन्हें कितना सताया। "अच्छा?" "हाँ !" "चलो, तुम मौज लो, मैं चलता हूँ !" और मैं वहाँ से आ गया। मैं बहुत खुश था और समय का इन्तजार करने लगा कि कब भाभी की चूत फाड़ने का मौका मिलेगा। दो दिन भाभी के भाई उन्हें लेने आ गये। वो चली गई। फिर हम उनको लेने गये तो छोटी भाभी बीमार थी इसलिए हम बड़ी भाभी को लेकर आ गये। 3-4 दिन बाद रेनू भाभी का फोन आया, बोली- कैसे हो जानू? "मैं तो ठीक हूँ पर तुम कैसे बीमार हो गई थी और अब कैसी हो?" "तुम दूर रहोगे तो बीमार ही रहूँगी ना !" "तो पास बुला लो !" "जानू आ जाओ, बहुत मनकर रहा है मिलने का।" "मिलने का या कुछ करने का?" "चलो तुम भी ना !" "जान कब तक तड़पाओगी?" रेनू कुछ सोच कर बोली- जानू, तुम कल आ घर आ जाओ। "क्यूँ?" "कल सारे घर वाले गंगा स्नान के लिए जा रहे हैं और परसों शाम

Kiraydar ki wife ki mast chudai | karachi sex story

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Hi... I am rizwan from karachi... Sex story perhney wale sab larky aor lakion ko mera salam. Me pehly bar aap ko apni sachi kahani sona ra hon agar aap ko passand aaye tu mere ko email zaroor kerna.kahany shroo kerte hain yeh 5 sal pehle ki bat he... Hamara ghar 2 manzil he jis ka oper wala hissa ham ne kerae per diya howa he aor neeche hisse me ham log rehte hain hamaree family me papa mummy aor me hon mery umer 24 sal ki thee jab ye waqia howa hamare oper wali family me husband wife aor un k 2 bache the jin ki umer ek ki 3 sal thee dosre ki 1 sal thee.... un ki wife ki umer taqreeban 28 sal ki hogee un ko me baji kehta tha woh akser hamare ghar neche b aatee theen dekhne me baree sexy lagteen theen un k boobs 36 size k the woh aksar mere ko dekh ker muskuratee theen ek bar me un k ghar gaya jab un k shohar duty per gaye hoe the unhon ne mujhe bithaya aor kaha me tumhare liye chae latee hon me bed per beth gaya 5 minute bad woh chae le aayeen aor chaye rakte waqt woh jhukee tu us k m

Sexy Dhoban Aur Uska Beta (सेक्सी धोबन और उसका बेटा)

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हमारा परिवारिक काम धोबी (वाशमॅन) का है. हम लोग एक छोटे से गाँव में रहते हैं और वहां धोबी का एक ही घर है इसीलिए हम लोग को ही गाँव के सारे कपड़े साफ करने को मिलते थे. मेरे परिवार में मैं , माँ और पिताजी है. मेरी उमर इस समय 15 साल की हो गई थी और मेरा सोलहवां साल चलने लगा था. गाँव के स्कूल में ही पढ़ाई लिखाई चालू थी. हमारा एक छोटा सा खेत था जिस पर पिताजी काम करते थे. मैं और माँ ने कपड़े साफ़ करने का काम संभाल रखा था. कुल मिला कर हम बहुत सुखी सम्पन थे और किसी चीज़ की दिक्कत नही थी. हम दोनो माँ - बेटे हर सप्ताह में दो बार नदी पर जाते थे और सफाई करते थे फिर घर आकर उन कपड़ो की स्त्री कर के उन्हे वापस लौटा कर फिर से पुराने गंदे कपड़े एकत्र कर लेते थे. हर बुधवार और शनिवार को मैं सुबह 9 बजे के समय मैं और माँ एक छोटे से गधे पर पुराने कपड़े लाद कर नदी की ओर निकल पड़ते . हम गाँव के पास बहने वाली नदी में कपड़े ना धो कर गाँव से थोड़ी दूर जा कर सुनसान जगह पर कपड़े धोते थे क्योंकि गाँव के पास वाली नदी पर साफ पानी नही मिलता था और हमेशा भीड़ लगी रहती थी. मेरी माँ 34-35 साल के उमर की एक बहुत सुंदर गोरी औरत

Padosee aantee ko nangee dekhakar unhen chodane ka man karata tha

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मेरा नाम  मुरारी है. मैं गाँव का  जुड़ी हुई बातें  साल का देसी लड़का हूँ; भरपेट भोजन पाने के कारण मैं बैल के समान हो गया हूँ। मेरी लम्बाई देख कर गाँव की औरतें और लड़कियाँ मुझसे चुदवाने के लिए लालायित रहती हैं। मैंने अब तक कई चूतों को फाड़ा है. अगर गांव के नवजात बच्चों का डीएनए टेस्ट कराया जाए तो आधे से ज्यादा बच्चे मेरे बीज से पैदा हुए पाए जाएंगे। यह आंटी सेक्स स्टोरी इन हिंदी मेरी सेक्स लाइफ की शुरुआत है. उस समय तक मैंने किसी को नहीं चोदा था. मुझे पता था कि कई भाभियाँ और आंटियाँ मुझे अपने साथ सुलाना चाहती थीं। मेरे पड़ोस में एक आंटी रहती थीं. उनके साथ हमारे अच्छे रिश्ते थे. मेरा उसके घर आना-जाना था. मैं कई बार उनके घर में ही सो जाता था. चूँकि गाँव में इस बात को बुरा नहीं माना जाता.. और ये मेरे पड़ोस का मामला था तो मुझे बहुत छूट मिल गयी। मेरे बगल वाली आंटी का फिगर 34-30-36 था. उसके बहुत मस्त स्तन और उठी हुई गांड थी. पड़ोसी आंटी Blog एक बार मैं आंटी के घर गया, आंटी नहाने जा रही थीं। जब आंटी ने मुझे आते देखा तो मुझसे पूछा- सोहन, तुम्हें क्या काम है? मैंने कहा- कुछ नहीं, बस ऐसे ही आ गया.

Padosan bhaabhi ki choot ki chudaee

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दोस्तो, मैं रोहित महाराष्ट्र से हूँ। मैं एक प्राइवेट कंपनी में काम करता हूँ और मेरी उम्र 29 साल है। मैं अन्तर्वासना का नियमित पाठक हूँ… इस पर रोजाना अपडेट होने वाली सभी सेक्स कहानियाँ पढ़ता हूँ और हर सेक्स कहानी का आनन्द भी लेता हूँ। आज मैं अपनी एक सच्ची घटना इस इंडियन भाभी पोर्न स्टोरी के रूप में आपके बीच प्रस्तुत कर रहा हूँ. मेरा लिंग भारतीय मर्दों जैसा ही है.. यानि न ज्यादा बड़ा, न ज्यादा छोटा। लेकिन मैं जिस भी भाभी या लड़की को चोदता हूँ, उसे चोदने के साथ-साथ उसकी चीखें भी निकालता हूँ और उसकी चूत को पूरी तरह से कामोत्तेजक बना देता हूँ। ये सेक्स कहानी करीब 10 साल पहले की है, जब मैं जवान हुआ ही था. उस समय मैं एक छोटे से गांव में रहता था, जहां ज्यादा संसाधन नहीं थे. हम लोग गांव में जहां भी टीवी मिलता था, वहां टीवी देखने चले जाते थे। बात तब की है जब हमारे गाँव में सोफिया नाम की एक भाभी आई, जिसके घर में शादी के दहेज में एक टीवी भी आया था। चूंकि वह मेरी पड़ोसी थी, इसलिए मुझे वहां जाकर टीवी देखने की विशेष अनुमति थी। इसके बदले में मुझे बाज़ार से उसका कुछ सामान लाना पड़ता था, जिसके बारे में